होली के सप्तरंग
खुशी के इंद्रधनुष के,
सप्तरंग ले आईं होली,
बसंत में भी रंगारंग,
सजे मनरंग दिवाली।
रंग जामुनी सपने सजे,
खिले तन-मन कली,
रंग लै केसरिया मनभावन,
उँडेल दे मन की गली।
शालिनता लाए रंग नारंगी,
प्यार भर-भर लाए झोली,
पीले के हैं रूप निराले,
मधुर आम-सी मधुरता लाई।
समृद्धि का प्रतिक रंग हरा,
जीवन में फैले नीत हरियाली,
धीरता-वीरता लाए नील रंग,
बुने सबसे प्रीत निराली।
सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की,
बैंगनी दे रहा मीठी-मीठी गोली.
भारत भू की धरा में,
खिली आज परंपरा की कली।
इंद्रधनुष के सप्तरंग से,
बने सब पावन जले ऐसी होली।
🏻🏻🏻
रचना
होली के पावन पर्व की मेरे सभी जेष्ठ, कनिष्ठ, हमउम्र- स्नेही, हितैषि, प्रियजन, परिजनों को ढेर सारी मंगलकामनाएँ
No comments:
Post a Comment