इस ब्लॉग पर सभी हिंदी विषय अध्ययनार्थी एवं हिंदी विषय अध्यापकों का हार्दिक स्वागत!!! मच्छिंद्र भिसे (हिंदी विषय शिक्षक, कवि, संपादक)

Thursday, 1 March 2018

होली के सप्तरंग

💐🌹होली के सप्तरंग 🌹💐

खुशी के इंद्रधनुष के,
सप्तरंग ले आईं होली,
बसंत में भी रंगारंग,
सजे मनरंग दिवाली। 

रंग जामुनी सपने सजे,
खिले तन-मन कली,
रंग लै केसरिया मनभावन,
उँडेल दे मन की गली। 

शालिनता लाए रंग नारंगी,
प्यार भर-भर लाए झोली,
पीले के हैं रूप निराले,
मधुर आम-सी मधुरता लाई। 

समृद्धि का प्रतिक रंग हरा,
जीवन में फैले नीत हरियाली,
धीरता-वीरता लाए नील रंग,
बुने सबसे प्रीत निराली।

सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की,
बैंगनी दे रहा मीठी-मीठी गोली.
भारत भू की धरा में,
खिली आज परंपरा की कली। 

इंद्रधनुष के सप्तरंग से,
बने सब पावन जले ऐसी होली। 
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रचना 
नवकवि
श्री. मच्छिंद्र बापू भिसे 

उपशिक्षक 
ज्ञानदीप इंग्लिश मेडियम स्कूल, पसरणी। 
भिरडाचीवाडी, पो.भुईंज, तह.वाई,
जिला-सातारा ४१५ ५१५
चलित : ९७३०४९१९५२ / ९५४५८४००६३
प्रकाशनार्थ 
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होली के पावन पर्व की मेरे सभी जेष्ठ, कनिष्ठ, हमउम्र- स्नेही, हितैषि, प्रियजन, परिजनों को ढेर सारी मंगलकामनाएँ
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