(शाश्वत सृजन के अंक ऑनलाइन देखने के लिए शीर्षक चित्र / शीर्षक पर क्लिक करें ->>> शाश्वत सृजन )
आदरणीय पाठक गण,
सादर नमन,
भारतवर्ष हिंदी साहित्य संसार विशाल है। बदलते परिवेश और संस्कृति परिवर्तन में वाचन (पठन) संस्कृति धीरे-धीरे काम होती दिखाई देती हैं। हिंदी पाठकों में वहीं जोश, वहीं पठन और हिंदी साहित्य के प्रति जिज्ञासाएँ निर्माण करने का काम आज की साहित्यिक पत्रिकाएँ कर रही हैं। इसी श्रृंखला में 'साहित्य सृजन' का नाम आज गर्व से लिया जाता है। आपके साथ कुछ विशेष जानकारी साजा करते हुए ख़ुशी होती है। यकायक जून २०१८ का अंक घर पहुँचा। साहित्यिक स्तरीय रचनाओं से सजा मासिक अंक मिला। पूरी पत्रिका को पढ़ने पर इसकी महत्ता और संपादक महोदय और उनकी टीम की मेहनत पता चली। जुलाई २०१८ का अंक भी नियमित मिला।
अगस्त २०१८ के अंक की प्रतीक्षा में था कि व्हाट्सप्प पर 'अगस्त २०१८ के अंक की ऑनलाइन लिंक प्राप्त हुई। देखकर बहुत ख़ुशी हुई। अगस्त माह याने की स्वाधीनता पर्व। इस पर्व का प्रभाव इस अंक में स्पष्ट छलकता हुआ नजर आता है। मेरी ख़ुशी में चार चाँद लग गए जब मेरी रचना 'सभ्यता की पगडंडी' को पत्रिका में स्थान देकर सम्मानित किया। संपादक महोदय एवं सहकारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।
प्रिय पाठक गण,
'शाश्वत' सृजन जैसी पत्रिका अपने घर में निरंतर हो तो हिंदी साहित्यविश्व की खबरे और स्तरीय साहित्य पढ़ने को भी मिलेगा। मैं हिंदी प्रेमी, अध्यापक, विद्यार्थी, साहित्यिक -सभी को आवाहन करता हूँ कि इस पत्रिका को प्राप्त करके साहित्य समृद्धि में अपना योगदान प्रदान करें।
आपका
मच्छिंद्र भिसे
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सदस्य, सातारा जिला हिंदी अध्यापक मंडल, सातारा।
ग्राम भिरडाचीवाडी, पो.भुईंज, तह.वाई,
जिला-सातारा ४१५ ५१५ (महाराष्ट्र)
चलित : ९७३०४९१९५२ / ९५४५८४००६३
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