1. ज्ञान का नहीं कोई मोल पदवी बड़ी होए
जो कहे बॉस, मानो सर नवा सब कोए
2. मीठा बोलके करवाते है काम सब ज़रूरी
कलयुग है ये भाई मुँह मे राम बगल मे छुरी
3. माँ बाप गऐ नौकरी बच्चा घर मे होए
नौकरानी ऐश करे घर मे सोये सोये
4. वक्त मे किया नहीं कुछ रह गए सोये
बोया पेड़ बाबुल का फिर आम कहाँ से होऐ
5. मिलते है गर्मजोशी से ,बातेअधिकार से
खुद ही नहीं बनती उनकी अपने परिवार से
रचनाकार: सुजाता शुक्ल
No comments:
Post a Comment